क्या इतिहास खुद को दोहरा रहा है ?

Sikandar Kumar Mehta
1971 में रायबरेली से इंदिरा गांधी ने राजनारायण को हराया था. जयप्रकाश नारायण के सबसे ताकतवर साथियों में एक राजनारायण ने इंदिरा गांधी को चुनाव में कड़ी चुनौती दी थी, लेकिन वे हार गए थे. इसके चार साल बाद चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए उन्होंने इसे रद्द करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. न्यायालय ने चुनाव रद्द कर दिया. इसके बाद ही 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगा दिया गया था.
अब जिस वाराणासी संसदीय सीट से नरेंद्र मोदी ने 371784 वोटों से जीत हासिल की है, वहां 311057 फर्जी वोटर मिले हैं. अभी गिनती जारी है और जिला प्रशासन का अनुमान है कि फर्जी वोटरों की संख्या 647085 जा सकती है. इतनी बड़ी संख्या में फर्जी वोटर पहली बार वाराणसी में सामने आए हैं. लाखों की तादाद में मिले फर्जी वोटरों का खुलासा तब हुआ जब भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने मतदाता सूची का पुनरीक्षण अभियान शुरू किया. जिले केसभी पोलिंग सेंटर पर तैनात बूथ लेवल ऑफिसर से घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करवाने के बाद इन बोगस वोटरों का खुलासा हुआ है.
मुझे मालूम है कि सच क्या है ?
पर ये खबरें प्रशासन के हवाले से आ रही हैं। इसका नतीजा क्या होगा,
यह देखना दिलचस्प होगा.
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